सिनेमा | 4-मिनट में पढ़ें
Sirf EK Bandaa Kaafi Hai Movie Review: बेस्ट कोर्ट रूम ड्रामा, जरूर देखना चाहिए
Sirf EK Bandaa Kaafi Hai Movie Review in Hindi: हिन्दी सिनेमा में ढेरों ऐसी फिल्में आईं हैं जिनमें कोर्ट रूम ड्रामा नजर आता है या कथित बाबाओं की कहानियां नजर आती हैं. लेकिन यह फिल्म उन सभी में अपने को शीर्ष पर ले जाकर खड़ा करती है.
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सिर्फ एक बंदा काफी है जो रब का है, लॉ उसका धंधा है, जस्टिस दिलाना काम है!
हकीकत में वो बंदा पीसी सोलंकी है जिसने ना सिर्फ बंदे का नाम लेकर फिल्म ने इशारा भर किया है और कहते हैं ना इशारों को अगर समझों, सो एक और इशारा हमने भी कर दिया है. समझ गए ना आसूमल वही सजायाफ्ता बदनाम कथावाचक रेपिस्ट बाबा है, जो जेल में है.
सियासत | बड़ा आर्टिकल
जंतर मंतर पर समर्थकों द्वारा पहलवानों पर बात उतनी ही है जितना दाल में नमक होता है!
पहलवान बनाम ब्रज भूषण शरण सिंह : खासी दिलचस्प है धरनास्थल की हकीकत. यूं तो धरने पर पहलवानों को समर्थन देने के लिए शाहीनबाग की दादी से लेकर किसानों, बुद्धिजीवियों, लेखकों, छात्रों, वकीलों और खाप नेताओं का जमावड़ा है. लेकिन इनसे पहलवानों को कितना बल मिलेगा अभी इस बारे में कुछ कहना शायद जल्दबाजी ही होगा.
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समाज | 2-मिनट में पढ़ें
स्वाति को भद्दी गालियां देने वाले भी उसके पिता की तरह ही घिनौने अपराधी हैं!
स्वाति को सच क्यों नहीं बोलना चाहिए? क्यों उसे चुप रहना चाहिए? क्यों? उसे भी मालूम होगा कि भारतीय समाज किस तरह पेश आएगा फिर भी सच बोलना उसकी हिम्मत का परिचायक है. हां, इतना जानने के बाद भी आप मुंह छिपा रहे हैं. स्वाति को गालियां दे रहे हैं तो यह ज़रूर है कि आप इस तरह के घिनौने अपराध को बल दे रहे हैं.
समाज | एक अलग नज़रिया | 3-मिनट में पढ़ें
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